Budget 2025 : महिला सशक्तिकरण की दिशा में केंद्र और राज्य सरकारें काफी प्रयास कर रही हैं।सरकार का आगामी बजट महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखते हुए उनकी आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक भागीदारी को और बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। आगामी बजट में महिलाओं के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर फोकस रहने की उम्मीद है।
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दिल्ली:
पिछले कुछ सालों में महिलाएं चुनावों के केंद्र में आ गई हैं और बीजेपी ने महिलाओं को सीधे तौर पर फायदा पहुंचाने वाली योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें मध्य प्रदेश के बाद महाराष्ट्र की मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना सुपरहिट रही है.
प्यारी बहनों ने महागठबंधन सरकार को भरपूर प्यार दिया और भारी बहुमत से सत्ता में लायी। तो अब वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश होने जा रहा है और इसके साथ ही एक अहम सवाल यह उठता है कि क्या मोदी सरकार महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देगी। पिछले वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं के निर्णायक वोट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि महिला सशक्तिकरण योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के न केवल सामाजिक बल्कि राजनीतिक स्तर पर भी दूरगामी प्रभाव होंगे
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महिला केन्द्रित योजनाओं की सफलता
2019 से 2024 के बीच महिला केंद्रित योजनाओं को अभूतपूर्व सफलता मिली है। साक्षरता कार्यक्रमों ने 4.5 मिलियन महिला मतदाताओं को जोड़ा है, जबकि मुद्रा योजना जैसी रोजगार योजनाओं से 3.6 मिलियन महिलाओं को लाभ हुआ है।वहीं, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत महिलाओं के नाम पर मकान के स्वामित्व का पंजीकरण होने से 20 लाख अतिरिक्त मतदाता जुड़े। इसी तरह, स्वच्छता और स्वास्थ्य पहल का महिलाओं के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।
वहीं, लोकसभा चुनाव के बाद पेश किए गए बजट में महिलाओं और लड़कियों के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का आवंटन किया गया था. महिलाओं को कार्यस्थल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मिशन शक्ति, श्रमिक महिला छात्रावास और कौशल विकास कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी गई, जबकि कामकाजी माताओं के लिए नर्सरी सुविधाएं, महिला उद्यमिता के लिए वित्तीय योजनाएं और सुरक्षा पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया।
बजट से महिलाओं की उम्मीदें

आगामी बजट में महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है, जिसमें डिजिटल साक्षरता, स्टार्टअप में भागीदारी और उद्योग-विशिष्ट कौशल विकास कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जा सकती है। साथ ही, स्वास्थ्य योजनाओं और स्वच्छता कार्यक्रमों का भी विस्तार किया जा सकता है, जबकि ग्रामीण महिलाओं के लिए उज्ज्वला योजना और जन धन योजना, लखपति दीदी जैसी विशेष योजनाओं का दायरा बढ़ाया जा सकता है।
इसके अलावा इस साल सरकार का बजट महिला सशक्तीकरण पर जोर देने के साथ आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक भागीदारी को और बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।2024 के चुनाव में महिलाओं की निर्णायक भूमिका और महिला केंद्रित योजनाओं की सफलता दर्शाती है कि महिला केंद्रित विकास न केवल सामाजिक आवश्यकता है बल्कि आर्थिक प्राथमिकता भी है।