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Anna University : स्टूडेंट के कथित यौन उत्पीड़न की जांच के लिए SIT का गठन

Anna University : मद्रास उच्च न्यायालय ने अन्ना विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़न की एसआईटी जांच का आदेश दिया, पीड़िता को ₹25 लाख मुआवजा देने का निर्देश दिया

इसने राज्य को पुलिस वेबसाइट पर प्रकाशित एफआईआर में पीड़ित के विवरण का खुलासा करने में पुलिस की ओर से हुई गंभीर चूक के लिए पीड़ित को ₹25 लाख का अंतरिम मुआवजा देने का भी आदेश दिया। मद्रास उच्च न्यायालय ने शनिवार को निर्देश दिया कि अन्ना विश्वविद्यालय की 19 वर्षीय छात्रा के यौन उत्पीड़न के मामले की जांच एक विशेष जांच दल (एसआईटी) करेगी।
इसने राज्य को पुलिस वेबसाइट पर प्रकाशित प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में उसके विवरण का खुलासा करने में पुलिस की ओर से हुई गंभीर चूक के लिए पीड़िता को ₹25 लाख का अंतरिम मुआवजा देने का भी आदेश दिया।
अदालत ने आदेश दिया,

"हमने पुलिस और यूनिवर्सिटी कैंपस की ओर से चूक देखी है। हमें लगता है कि मामले की जांच के लिए महिला पुलिस अधिकारियों के साथ एक SIT का गठन किया जाना चाहिए। हमें उम्मीद है कि SIT सही तरीके से जांच करेगी और दोनों मामलों में आरोप पत्र दाखिल करेगी। किसी भी अपराधी को उसकी स्थिति, पद या अन्य किसी भी तरह की परवाह किए बिना बरी नहीं किया जाना चाहिए।"
https://youtu.be/UM2nl-mpSwE?si=h39qEqvo71WI5u9Ahttps://youtu.be/UM2nl-mpSwE?si=h39qEqvo71WI5u9A
अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि पीड़िता के व्यक्तिगत विवरण वाली FIR के लीक होने को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इसकी जांच की जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि FIR लीक होना पुलिस की ओर से गंभीर चूक थी, जिससे पीड़िता और उसके परिवार को आघात पहुंचा। अदालत ने राज्य को पीड़ित लड़की को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का निर्देश दिया, जिसे उन लोगों से वसूला जा सकता है, जो कर्तव्य की उपेक्षा और FIR लीक करने के लिए जिम्मेदार थे।
अदालत ने कहा कि वर्तमान में आदेशित मुआवजा पीड़िता को आपराधिक मामलों में मुआवजा मांगने से नहीं रोकेगा। लड़की के साहस की सराहना करते हुए और घटना की रिपोर्ट करने के लिए अदालत ने अन्ना यूनिवर्सिटी को पीड़िता को परामर्श प्रदान करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि यूनिवर्सिटी को पीड़िता को ट्यूशन फीस, हॉस्टल फीस, एग्जाम फीस, विविध शुल्क आदि सहित किसी भी शुल्क को वसूले बिना उसकी शिक्षा पूरी करने की अनुमति देनी चाहिए। अदालत ने पुलिस महानिदेशक को पीड़िता और उसके परिवार को अंतरिम सुरक्षा प्रदान करने का भी निर्देश दिया।
इसने राज्य को पुलिस वेबसाइट पर प्रकाशित प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में उसके विवरण का खुलासा करने में पुलिस की ओर से हुई गंभीर चूक के लिए पीड़िता को ₹25 लाख का अंतरिम मुआवजा देने का भी आदेश दिया।अदालत ने पुलिस को पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया।

क्या है मामला?
अन्ना विश्वविद्यालय में हुई घटना ने पूरे चेन्नई को हिलाकर रख दिया है। तमिलनाडु की राजनीति गरमाने लगी है। यहां एक 19 साल की छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न किया गया। मामला तब सामने आया, जब छात्रा ने इसकी पुलिस से खुद शिकायत की थी। शुरू में पुलिस ने केस को हल्के में लिया और कोई कार्रवाई नहीं की। सोशल मीडिया पर केस उछला तब पुलिस हरकत में आई। मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया। 37 वर्षीय आरोपी यूनिवर्सिटी परिसर के पास में बिरयानी बेचता है। घटना 23 दिसंबर की है।

सच सामने लाएगा महिला आयोग

महिला आयोग ने यौन उत्पीड़न मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय फैक्ट-फाइंडिंग समिति का गठन किया है। समिति को इस मामले की जांच करने, घटना के पीछे के हालात का विश्लेषण करने और अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदमों का मूल्यांकन करने का काम सौंपा गया है। इसके अलावा, यह समिति मामले से संबंधित अधिकारियों, पीड़िता, उसके परिवार, दोस्तों और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के साथ भी बातचीत करेगी ताकि तथ्यों का पता लगाया जा सके और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के उपाय सुझाए जा सकें।

https://boltevha.com/hi/manmohan-singh-memorial-pranab-mukherjees-daught/

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